MP Breaking News : अब DPC करेगा स्कूलों को मान्यता देने का काम
MP Breaking : यदि तय समयसीमा में विभाग के संबंधित अधिकारी ने काम नहीं किया तो समयसीमा पूरी होने के बाद आवेदक को स्कूल की डीम्ड परमीशन मानी जाएगी। स्कूलों को मान्यता देने का काम अब डीईओ नहीं डीपीसी करेगा।
MP Breaking : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश में निजी स्कूल खोलने के इच्छुक लोगों को अब इसकी अनुमति लेने के लिए सरकारी अमले पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इसमें विभिन्न स्तरों के लिए समयसीमा तय होगी और यदि तय समयसीमा में विभाग के संबंधित अधिकारी ने काम नहीं किया तो समयसीमा पूरी होने के बाद आवेदक को स्कूल की डीम्ड परमीशन मानी जाएगी। स्कूलों को मान्यता देने का काम अब डीईओ नहीं डीपीसी करेगा।
अशासकीय स्कूल को मान्यता के लिए स्रोत केन्द्र समन्वयक विकासखंड बीआरसीसी को आॅनलाईन आवेदन करना होगा। यह आवेदन राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जारी समय सारणी के अनुसार तय प्रक्रिया का पालन करते हुए निराकृत किया जाएगा। विकासखंड स्रोत केन्द्र समन्वयक तय समयसीमा के भीतर आवेदक द्वारा दी जानकारियों का भौतिक निरीक्षण करेगा। आवेदन प्राप्त होंने के पंद्रह दिन के भीतर उसे जिला परियोजना समन्वयक को विचारण के लिए भेजेगा।
विकासखंड स्रोत केन्द्र समन्वयक पंद्रह दिन के भीतर रिपोर्ट विचारण हेतु नहीं भेजता है तो यह माना जाएगा कि वह नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम में तय मानक और शर्तो के अनुसार है। बीआरसीसी की अनुशंसा मानते हुए यह रिपोर्ट जिला के विचारण हेतु पोर्टल पर स्वमेव ही अग्रेषित हो जाएगी। जिला परियोजना समन्वयक राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा मानदंड और मानकों की पूर्ति का समापन करने के लिए शाला का निरीक्षण कराएगा।
बीआरसीसी के भौतिक निरीक्षण के बिना मानी गई अनुशंसा पर अग्रेषित प्रस्ताव में जिला परियोजना समन्वयक अनिवार्यत: स्कूल का निरीक्ष्ज्ञण करेगा। वह दस्तावेजों का निरीक्षण कर सकेगा। यदि जिला परियोजना समन्वयक के पास यह समाधान हो जाता है कि आवेदक मानकों की पूर्ति करता है तो वह नियमों के अधीन समयसीमा के भीतर मान्यता प्रमापणपत्र जारी करेगा अथवा किसी कमी होंने पर आवेदन निरस्त कर सकेगा।
पोर्टल पर डीम्ड मान्यता जारी होगी जो पूर्णत: वैघ होगी। कलेक्टर प्रमाणपत्र जारी होंने के तीस दिन के भीतर स्कूल का निरीक्षण करेगा और मानक अथवा मापदंड का उल्लंघन पाये जाने पर मान्यता प्रमाणपत्र निरस्त किया जाएगा। जिला परियोजना समन्वयक द्वारा आवेदन निरस्त होंने पर तीस दिन के भीतर कलेक्टर को अपील की जा सकेगी। कलेक्टर समय पर निर्णय नहीं लेते है या अपील निरस्त करते है तो तीस दिन के भीतर आयुक्त या संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र कोे द्वितीय अपील की जा सकेगी।