MP Breaking News : अब गांवों में पेड़ काटने के लिए मिलेगी ऑनलाइन परमिशन
MP Breaking : प्रदेश में अब ग्रामीण इलाकों में पेड़ काटने की अनुमति लेने के साथ यह भी बताना होगा कि काटा गया पेड़ किसे बेचा जा रहा है और खरीददार किस मार्ग से लेकर किस वाहन से काटे गए पेड़ को ले जाएगा।
MP Breaking : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश में अब ग्रामीण इलाकों में पेड़ काटने की अनुमति लेने के साथ यह भी बताना होगा कि काटा गया पेड़ किसे बेचा जा रहा है और खरीददार किस मार्ग से लेकर किस वाहन से काटे गए पेड़ को ले जाएगा। राजस्व विभाग द्वारा बनाए गए नए नियमों के अनुसार निजी भूमि पर मौजूद पेड़ काटने की अनुमति के लिए ग्राम पंचायत, पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर ग्राम पंचायत को और दखलरहित भूमि का पेड़ काटने के लिए कलेक्टर को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
राजस्व विभाग द्वारा लागू किए गए नए नियमों में प्रावधान किया गया है कि अब ग्राम पंचायत स्तरीय समिति की सिफारिश पर तहसीलदार के बजाय ग्राम पंचायत, पटवारी की रिपोर्ट पर पेड़ काटने की व्यवस्था लागू होगी। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति उसकी भूमि पर मौजूद पेड़ काटना या गिराना चाहता है तो उसे ग्राम पंचायत को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। अगर यह पेड़ दखलरहित भूमि पर खड़ा है जिसे काटा जाना या गिराना है तो उसके लिए कलेक्टर को आनलाइन आवेदन करना होगा।
ग्राम पंचायत और कलेक्टर को किए जाने वाले आवेदन के बाद कलेक्टर या तहसीलदार द्वारा अभिवहन पास जारी करने के लिए वनोपज नियम 2000 के अधीन सक्षम अधिकारी को अनुमति इलेक्ट्रानिक तरीके से भेजी जाएगी। पेड़ काटने या गिराने के मामले में ग्राम पंचायत द्वारा लिए गए फैसले के विरुद्ध अपील सुनने के अधिकार एसडीओ रेवेन्यू को दिए गए हैं। इसके बाद इसकी दूसरी अपील नहीं की जा सकेगी।
विभाग द्वारा लागू किए गए नियमों के परिप्रेक्ष्य में कई नियमों का लोप करने का निर्णय भी लिया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि ग्राम पंचायत यह तय करेगी कि काटे गए पेड़ की इमारती लकड़ी लोक हित में है या नहीं है और इसे मिट्टी का कटाव रोकने के लिए बचाना जरूरी है या नहीं है।
यह जानकारी देना होगी
मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 240 की उपधारा (1) के अधीन नियम 73 में शामिल ऐसे पेड़ों को काटने की अनुमति देने और धारा 31 की उपधारा (2) के अधीन राष्ट्रीयकृत इमारती लकड़ी के पेड़ को काटकर गिराने की अनुमति देने के लिए जो आवेदन किया जाएगा उसका फार्मेट भी राजस्व विभाग ने तय किया है।
इसमें कहा गया है कि आवेदक और उसके माता-पिता, पति के नाम के साथ उसका आधार कार्ड, समग्र आईडी, निवास का पता, मोबाइल नम्बर, ईमेल बताना होगा। साथ ही जिस स्थान से जो पेड़ काटा या गिराया जाना है उस स्थान पर मौजूद भूमि की पूरी जानकारी, पेड़ों की प्रजाति की जानकारी भी देनी होगी। काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या, जो व्यक्ति काटा गया पेड़ और लकड़ी खरीद रहा है और जहां काटी गई सामग्री परिवहन करके ले जाई जानी है उसकी जानकारी भी देना होगी।