MP Election 2023: दिग्विजय के दौर से युवाओं को रूबरू कराएंगी भाजपा
MP Assembly Election 2023: प्रदेश भाजपा आगामी चुनाव के पहले 1995 से 2005 के बीच जन्मे युवाओं को टारगेट कर उनसे संवाद और संपर्क का अभियान तेज करेगी। इन नव मतदाताओं पर फोकस इसलिए कर रही है ताकि उन्हें दिग्विजय शासन के बुरे दौर की तस्वीर से अवगत कराया जा सके।
MP Assembly Election 2023: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश भाजपा आगामी चुनाव के पहले 1995 से 2005 के बीच जन्मे युवाओं को टारगेट कर उनसे संवाद और संपर्क का अभियान तेज करेगी। इन नव मतदाताओं पर फोकस इसलिए कर रही है ताकि उन्हें दिग्विजय शासन के बुरे दौर की तस्वीर से अवगत कराया जा सके। इन्हें बताने के लिए सरकार ने बाकायदा आंकड़ों की रिपोर्ट तैयार कराई है और उसे गांवों में भेज दिया है।
विधायकों, जिला और मंडल अध्यक्षों से कहा गया है कि इन आंकड़ों को नव मतदाता के दिमाग में फीड कराना है ताकि यह नया वोटर कांग्रेस के भटकाव में न आ पाए और दिग्विजय सरकार के बाद प्रदेश के बदले हालातों को समझे। युवाओं को देश और प्रदेश के विकास का मुख्य संवाहक मानने वाली बीजेपी की आगामी रणनीति में वे युवा शामिल किए गए हैं जो नव मतदाता (न्यू वोटर्स) हैं।
पार्टी ने तय किया है कि इन दस सालों में जन्म लेने वाले वोटर्स को साधने का काम मोर्चा, प्रकोष्ठ और अन्य संगठनात्मक कार्यक्रमों के जरिये करना है क्योंकि यह वही वोटर हैं जो अब 18 से 25 साल की उम्र के दौर में आ गए हैं। इन्हें वोट करने का अधिकार अब मिला है और जब से ये युवा जानने समझने के लायक हुए हैं तब से बीजेपी की सरकार का कामकाज ही देख रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस जब बीजेपी पर हमलावर होने की कोशिश करती है तो इन युवाओं को कांग्रेस का अतीत खुद जानकारी में नहीं होने से उन्हें लगता है कि कांग्रेस सही हो सकती है और बीजेपी का शासन तो वे देख ही रहे हैं।
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इन हालातों में बीजेपी ने युवा मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा, महिला मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, किसान मोर्चा समेत सभी मोर्चा प्रकोष्ठों को जिम्मेदारी सौंपी है कि उन्हें 2003 के पहले कांग्रेस सरकार के कारनामों की जानकारी इन युवाओं को देना है। कांग्रेस के 1993 से 2003 के शासन के दौरान बेरोजगारी, बिगड़ी कानून व्यवस्था, शिक्षा में दुरावस्था, सड़कों के गड्ढे, बिजली को लेकर मची मारामारी के बीच लालटेन युग की वापसी समेत अन्य बुरे हालातों को बताना है।
विधायकों और जनप्रतिनिधियों के पास पहुंच गए आंकड़े
कांग्रेस के दस साल की सरकार में मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह को बीजेपी ने बंटाढार युग का नाम पहले ही दे रखा है। अब प्रदेश सरकार ने कांग्रेस के दस सालों के शिक्षा, रोजगार, किसानी, सिंचाई सुविधा, बिजली, स्वास्थ्य, उद्योग, पंचायत राज समेत सभी बिन्दुओं को लेकर पुस्तक छपवाई है। इसमें दिग्विजय शासन के आंकड़े और उसके बाद बीजेपी सरकार में आए बदलाव के बाद की स्थिति वाले आंकड़े लिखे हैं।
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ये आंकड़े विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के माध्यम से गांव गांव पहुंचाए जा रहे हैं। सरकार और संगठन की ओर से यह किताबें जिलों और मंडलों को भेजकर इनके माध्यम से आंकड़े नव मतदाताओं को बताने के लिए कहा गया है ताकि चुनाव के ऐन पहले 18 से 25 साल का वोटर किसी तरह के बहकावे में न आए और कांग्रेस के साथ न जा सके।
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