MP News : केंद्रीय गृह मंत्रालय के जवाब के इंतजार में आईपीएस अफसर
Latest MP News : एसपी से डीआईजी के लिए होने वाले अवार्ड पर अफसरों की याचिका की हाईकोर्ट में18 अप्रैल को सुनवाई होगी, जिसमें एमएचए अपना पक्षा रखेगा। वहीं अफसरों को उम्मीद है कि अगली तारीख तक जवाब मिल जाएगा।
Latest MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. एसपी से डीआईजी के लिए होने वाले अवार्ड पर अफसरों की याचिका की हाईकोर्ट में18 अप्रैल को सुनवाई होगी, जिसमें एमएचए अपना पक्षा रखेगा। वहीं अफसरों को उम्मीद है कि अगली तारीख तक जवाब मिल जाएगा। इस साल जनवरी में एसपी से डीआईजी के पद पर पदोन्नत हुए आईपीएस अफसरों को इंतजार हैं केंद्रीय गृह मंत्रालय का जवाब का।
दरअसल इस बैच के एक अफसर ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने अपनी आईपीएस अवार्ड होने वाले वर्ष को 2009 की जगह पर वर्ष 2008 आवंटित करने की अपील की है। इस याचिका पर लगातार तारीख मिलती जा रही है। अब इस मामले में 18 अप्रैल को सुनवाई होना है।
सूत्रों की मानी जाए तो इस मामले में हाईकोर्ट में एमएचए को अपना पक्ष रखना है। अफसरों को उम्मीद है कि अगली तारीख तक यह जवाब रखा जा सकता है। इस जवाब के बाद हाईकोर्ट में जो याचिका लंबित है, उसकी सुनवाई गति पकड़ सकती है। अभी इन सभी अफसरों को वर्ष 2009 बैच आईपीएस का मिला है। इन्हें उम्मीद है कि जो तर्क उनकी ओर से कोर्ट में रखे गए हैं, उसके बाद उन्हें वर्ष 2008 का बैच मिल सकता है। यदि इन अफसरों के पक्ष में फैसला हुआ तो कई अफसर आईजी के पद पर लंबे समय तक पदस्थ रह सकते हैं।
यह है पूरा मामला
वर्ष 1994 में नौकरी ज्वाइन करने वाले पुलिस अफसरोंं की पीएससी की परीक्षा वर्ष 1991 में आयोजित होना थी, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के चलते उस दौरान इसे निरस्त कर दिया, बाद में यही परीक्षा 1992 में हुई। इसका परिणाम फरवरी 1993 में आया। इसके बाद सितंबर 1993 में इन सभी को 1994 फरवरी में ज्वाइन करने के आदेश दिए गए। जबकि इसी पीएससी से राज्य प्रशासनिक सेवा में आए अफसरों को सितंबर 1993 में ही नौकरी ज्वाइन करवा ली गई।
एसपीएस अफसरों ने इस आदेश के बाद फरवरी 1994 में नौकरी ज्वाइन की। जबकि उन्हें सीनियरटी 1 जनवरी 1995 के अनुसार दी जा रही है। जबकि दो जनवरी 1995 को ज्वाइंन करने वालों की भी सीनियरटी भी 1 जनवरी 1995 में दी जा रही है। बताया जाता है इस बैच के अफसरों ने याचिका में दो मांगे की है। पहली मांग तो यह है कि जिस तरह से वर्ष 1995 के एसपीएस अफसरों को आईपीएस बैच आंवटन में दी गई एक दिन की छूट के आधार पर उन्हें भी एक महीने की छूट दी जाए और उनकी सर्विस एक जनवरी 1994 से मानी जाए और उन्हें वर्ष 2008 बैच आवंटित किया जाए।
एक दिन के आधार पर गए हैं हाईकोर्ट
वर्ष 2009 बैच के आईपीएस अफसर इसी बैच के कुछ अफसरों को दी गई एक दिन की छूट के आधार पर हाईकोर्ट में गए हैं। दरअसल वर्ष 1995 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अफसरों ने अपनी नौकरी 2 जनवरी को ज्वाइन की थी, इसलिए जब आईपीएस का बैच अलॉट हुआ तो इन्हें एक दिन की छूट इसमें मिली। इधर अब इसी आधार पर वर्ष 1994 में राज्य पुलिस सेवा की नौकरी ज्वाइन करने वाले एक महीने की छूट चाह रहे हैं।