मध्य प्रदेश में मुंबई जैसी ऊंची-ऊची होंगी कमर्शियल बिल्डिंगें, जानें किस नियम में हो सकता है बदलाव, क्या है तैयारी?

भोपाल
 मध्य प्रदेश से बड़ी खबर है. अब प्रदेश की कमर्शियल बिल्डिंग और ऊची होंगी. सरकार कर्मशियल बिल्डिंग में फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को दोगुना कर सकती है. भोपाल में एफएआर फिलहाल 2.5 है, लेकिन अब इसे 5 या 7 करने की योजना है. खास बात यह है कि, इस तरह की बिल्डिंगों में केंद्र सरकार के नेशनल बिल्डिंग कोड का पालन करना जरूरी होगा. इस कोड के पालन से भवन और ज्यादा मजबूत और सुरक्षित होंगे. इसके मद्देनजर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टी एंड सीपी) ने संशोधन प्रस्ताव तैयार किया है. यह प्रस्ताव टी एंड सीपी के भूमि विकास नियम-2012 के लिए तैयार किया गया है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार नियमों के बदलाव होने के बाद उन्हीं के आधार पर अनुदान तय करेगी. इस तरह की बिल्डिंग बनने के बाद हर दुकान-मकान में आग के सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने होंगे. इस तरह की ऊंची कॉलोनी बनाने वालों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों की चार्जिंग के लिए स्टेशन बनाना होगा. भवन निर्माताओं को ग्राउंड कवरेज की लिमिट से छूट मिल सकती है. उन्हें एक न्यूनतम क्षेत्र की खुला रखना पड़ेगा. अभी तक बनी हाईराइज बिल्डिंगों में 50 फीसदी ग्राउंड कवरेज रखना पड़ता है. रिहाशयी इलाके में 30 फीसदी ग्राउंड कवरेज रखने का नियम है. जबकि, कमर्शियल में अभी तक 40 फीसदी ग्राउंड कवरेज रखा जाता है.

केंद्र सरकार तय करेगी अनुदान
बताया जाता है कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे शहरी क्षेत्रों में सुधार करें. भोपाल से प्रकाशित हिंदी अखबार दैनिक भास्कर के मुताबिक, केंद्र सरकार ने यह इसलिए करने का कहा है, ताकि शहरी विकास योजनाओं और अमृत योजना के लिए अनुदान मिल सके. ये बदलाव होने के बाद जो सुधार होंगे, उन्हीं के आधार पर केंद्र सरकार अनुदान का फंड तय करेगी. इसे लेकर अधिकारियों का कहना है कि टी एंड सीपी ने नगरीय विकास एवं आवास को भूमि विकास नियम में संशोधन के लिए प्रस्ताव दिए थे. विभाग ने उन्हें और बेहतर तरीके से तैयार करने को कहा है. इसके बाद केंद्र सरकार जो मंशा होगी उस पर विचार किया जाएगा. उसके बाद इसे लागू किया जाएगा.

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