साइबर ठगों की आई सामत, MP पुलिस SI ने बनाया Cyber Crime Investigation Software

Cyber Crime Investigation Software: मध्य प्रदेश पुलिस के जवान भरत प्रजाापति ने बीएससी (बायो) से पढ़ाई की. जब साइबर विंग में उनकी पोस्टिंग हुई तो उन्होंने IT सेल की बारीकियां समझी. भरत प्रजापति ऑफिस में काम करने के बाद रात को 9 बजे से 3 बजे तक वेबसाइट पर काम करते थे.

Cyber Crime Investigation Software: उज्जवल प्रदेश डेस्क, भोपाल. साइबर फ्रॉड की जांच करना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है. लेकिन भोपाल की साइबर क्राइम विंग के एसआई भरत प्रजापति ने इसे आसान बना दिया है. भरत ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है, जिसके इस्तेमाल से जांच प्रक्रिया आसान हो गई है.

इस वेबसाइट पर एक बार में कई यूजर काम कर सकते हैं. इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल 10 से ज्यादा राज्यों की पुलिस कर रही है. इस सॉफ्टवेयर में कई सारे फीचर हैं. जिससे अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलती है. तकनीकी जांच के लिए अब पुलिस कई सॉफ्टवेयर नहीं खरीदने पड़ेंगे. कई सारे फीचर इस सॉफ्टवेयर में हैं.

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Cyber Crime Investigation Software में क्या है?

देश के 10 से ज्यादा राज्यों की पुलिस इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रही है और इसका लाभ उठा रही है. इस वेबसाइट ने पुलिस का काम काफी आसान कर दिया है. चलिए आपको बताते हैं कि इस वेबसाइट से क्या-क्या फायदा होगा:-

  • इसकी मदद से आईपी एड्रेस किस कंपनी का है. किस देश का इस्तेमाल हुआ है. इस तरह की सारी जानकारी एक क्लिक में मिल जाएगी.
  • इसकी मदद से थानों से संपर्क करना आसान हो जाएगा. एक क्लिक से पता चल जाएगा कि थाना कितनी दूर है.
  • सिम किस कंपनी का है, किसके नाम पर है, इसकी लोकेशन क्या है, नंबर कहां पर एक्टिव है, ये जानकारी भी फौरन मिल जाएगी.
  • इसकी मदद से सीडीआर रूट ट्रेस करने में आसानी होगी. एक क्लिक पर पूरी जानकारी मिल जाएगी.
  • ठगी का पैसा कितने खातों में ट्रांसफर हुआ. खाते की डिटेल डालते ही सबकुछ सामने होगा.
  • इसकी मदद से पुलिस को खातों की डिटेल के लिए बैंकों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. एक क्लिक पर सारी जानकारी मिल जाएगी.

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Investigation वेबसाइट बनने की कहानी

बीएससी (बायो) बैकग्राउंड वाले भरत ने 5 साल साइबर विंग में पोस्टिंग के दौरान आईटी की बारीकियां सीखीं. वे बताते हैं- कई केसों में ऐसी परेशानी आईं, जिसे दूर करने में काफी समय बर्बाद हुआ. इन परेशानियों को बिंदुवार लिखा, फिर इनके समाधान पर काम किया। वेबसाइट बनाने के लिए कोई छुट्‌टी नहीं ली. दिन में ऑफिस का काम करने के बाद रात 9 से रात 3 बजे तक वेबसाइट डिजाइन करता था.

  • आईपी इंटेलिजेंस : वीपीएन और प्रॉक्सी आईपी एड्रेस की पहचान आसान हुई है. आईपी एड्रेस किस देश का उपयोग हुआ, किस कंपनी का है, अपलोड करते ही जानकारी आ जाती है आदि.
  • सीडीआर का एनालिसिस: मोबाइल करियर्स बल्क लुकअप फीचर से सीडीआर का एनालिसिस एक क्लिक पर. सिम किसके नाम है, कंपनी, लोकेशन, नंबर अभी कहां पर एक्टिव है आदि.
  • आईएफएससी सर्च: खातों की डिटेल के लिए पुलिस बैंक पर निर्भर होती है. इस फीचर ने यह मुश्किल आसान की है। बैंक स्टेटमेंट अपलोड करते ही पता बैंक, ब्रांच, उसका फोन नंबर सब स्क्रीन पर.
  • थानों से संपर्क: पीएस सर्च फीचर में थाने का नाम डालकर एंटर करते ही थाने की लोकेशन, संपर्क नंबर और सर्च करने वाले व्यक्ति से थाना कितनी दूर है, यह सब कुछ स्क्रीन पर दिखेगा.
  • सीडीआर रूट ट्रेस: इससे पता चलता है यूजर किस रूट से कहां गया है. एक पूरा चार्ट स्क्रीन पर आ जाता है. उस तक पहुंचने की लिंक भी इसमें आती है। लोकेशन आसानी से ट्रेस होती है.
  • एनसीआरपी ग्राफ: ठगी का पैसा कितने खातों में ट्रांसफर हुआ. खाते की डिटेल भरते ही पूरा ट्री स्क्रीन पर. इसमें आप देख सकते हैं किन-किन खातों में रकम पहुंची और विड्रॉल कहां से हुआ.

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