कुक्षी थानाप्रभारी व निसरपुर चौकी प्रभारी को निलंबित कर इतिश्री न करें, प्रशासन इससे जुड़े अन्य लोगों पर भी करें कार्यवाही

धार
कुक्षी एसडीएम नवजीवन विजय पंवार की कार्यशैली सवालों के घेरे में है।
वैसे तो ओर भी मामले है किंतु बात करें हम हाल ही के शराब तस्करों पर कार्यवाही के दौरान एसडीएम नवजीवन विजय पंवार व डही नायब तहसीलदार राजेश भिड़े पर हमले की।

एसडीएम को अवैध शराब की सूचना मिली और नायब तहसीलदार को लेकर निकल पड़े हल्दी के पास एक ढाबे पर जहाँ पर उन्होंने अवैध शराब से भरा ट्रक पकड़ा। इसी दौरान धर्मधुरंधरो का भांजा सुखराम व उसके साथियों द्वारा एसडीएम व नायब तहसीलदार के साथ मारपीट व फायरिंग ही नही अपहरण करके नायब तहसीलदार भिड़े को उठाकर आरोपी अपनी गाड़ी में बिठाकर ले जा रहे थे। एसडीएम द्वारा ढाबे की दीवार की आड़ लेकर पुलिस को कॉल कर घटना की सूचना देने पर ताबड़तोड़ कुक्षी पुलिस मौके पर पहुँचकर एसडीएम व नायब तहसीलदार को आरोपियों से बचाकर सुरक्षित करती है और एक आरोपी को भी पकड़ लेती है। जिसके पश्चात घटना स्थल पर एसपी, कलेक्टर, आईजी, कमिश्नर सहित तमाम अधिकारी पहुँचते है। आरोपियों के विरुद्ध अपहरण, जान से मारने का प्रयास, अवैध शराब सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज होकर कलेक्टर जांच टीम का गठन भी करते है। एसपी कुक्षी थाना प्रभारी सीबी सिंह व निसरपुर चौकी प्रभारी जगदीश निनामा को लाईन अटैच व दूसरे ही दिन दोनों को सस्पेंड भी करते है।

सवाल यह उठता है कि, एसडीएम पंवार अपने साथ नायब तहसीलदार भोडे को ही लेकर अकेले ही क्यों पहुँचे ? यदि पुलिस विभाग व आबकारी विभाग के स्थानीय लोगों पर भरोसा नही था तो उनके मोबाईल रखवाकर उचित समय पर अपनी प्लानिंग बताते या जिला मुख्यालय से पुलिस व आबकारी अमले को बुलाते या फिर कम से कम राजस्व विभाग के ही ज्यादा लोगों को लेकर जाते ताकि, संख्याबल अधिक देखकर भी आरोपी बड़ी घटना को अंजाम नही देता ? एसडीएम पंवार के साथ प्रशासन या गेर प्रशासन के कोंन-कोंन लोग साथ में थे ? थाना व चौकी प्रभारी पर कार्यवाही करते हुए निलंबित किया व आज सहायक आबकारी आयुक्त धार यशवंत धनोरा को भी हटाया गया। यह तो प्रशासन के लोगों पर कार्यवाही हुई है, पर आरोपियों को संरक्षण देने वालों पर क्या कार्यवाही की गई ?घटना की रात्रि का आरोपियों की कॉल डिटेल को सार्वजनिक किया जाए जन सामान्य भी तो जाने आपकी जनहितैषी व शासन हितैषी कार्यवाही कैसी चल रही और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही भी हो।

अलीराजपुर में आरोपी सुखराम के घर को तोड़ने की कार्यवाही दिखावा भर ओर प्रशासन को आश्रय देने वाले ढाबे पर अतिक्रमण का हथौड़ा टूट पड़ा ऐसा क्यों ?
घटना सुबह की एफआईआर करने में रात क्यों हुई ?

अवैध शराब व रेत की गाड़ियों की सूचना मिलने पर जिस तरह कार्यवाही की गई उसी तरह कुक्षी नगर में विजय स्तंभ से बस स्टैंड तक के बड़े दबंगो पर अतिक्रमण का हथौड़ा कमजोर क्यों पड़ रहा और एसडीएम की यहां दबंगई क्यों नही दिखाई दे रही है ?

कई बार अवगत कराने के बावजूद प्रशासन इन पर मेहरबान क्यों ? इसके अलावा भी बड़े बड़े अतिक्रमण शासन को चुना लगा रहें उन पर भी कार्यवाही कब ? तमाम अधिकारियों व शासन स्तर तक पत्र लिखूंगा फिर भी कार्यवाही नही हुई तो हाईकोर्ट भी जनहित याचिका लगाऊंगा और जिम्मेदारों को माननीय न्यायालय को जवाब देना होगा। हल्दी के पास घटना घटी तो इतनी दूर वीरान जगह अतिक्रम दिख ओर नगर में अतिक्रमण कबसे अवगत करवा रहें जु नही रेंग रही ऐसा क्यों ? माँ गायत्री मंदिर सरोवर गंदगी में कालोनियों का मलमूत्र गंदा पानी आ रहा इस विषय पर कार्यवाही क्यों नही ? एसडीएम निवास के सामने ही सिविल अस्पताल है, इसकी व्यवस्थाओ की शिकायतें आएदिन आ रही और स्टाफ की भी कमी, इधर निरीक्षण व उपलब्धता पर ध्यान क्यों नही ? पिछले दिन ही 2 ऑक्सीजन प्लांट के बावजूद ऑक्सीजन न मिलने से मरीज की मृत्यु का आरोप परिजनों ने लगाया था, हालांकि, प्रभारी बीएमओ ने खंडन भी किया है।

निश्चितरूप से शराब तस्करों द्वारा एसडीएम व नायब तहसीलदार पर हमले की घटना निंदनीय है, किंतु दोबारा ऐसी घटनाएं न घटे इसलिए हर पहलू पर नज़र होनी चाहिए। आईएएस होकर इस तरह की नासमझी नौसिखिया साबित करती है ? खुब करों अवैध शराब व रेत वालों पर कार्यवाही परन्तु तरीके से ओर भी नगर में समस्याओं का भी इसी दबंगाई से कार्यवाही कर दिखाओ तो कुछ समझ में आ पाए।

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