इंदौर की सड़कों पर जल्दी ही इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नजर आएगी, लेकिन शहरवासियों को थोड़ा इंतजार करना होगा, जाने क्या है कारण

इंदौर

इंदौर की सड़कों पर जल्दी ही 50 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नजर आएगी, लेकिन शहरवासियों को थोड़ा इंतजार करना होगा,क्योकि खरीदी हुई बसें डिपों में धूल खा रही है। उनके लिए पर्याप्त चार्जिंग स्टेशन शहर के अलग-अलग हिस्सों में नहीं है।
अब एआईसीटीएसएल स्टेशनों की संख्या बढ़ाने पर फोकस कर रहा है, ताकि 50 करोड़ की लागत से खरीद गई बसों का उपयोग हो सके। पचास में से दस बसें पिछले दिनों शुरू की गई। यह बसें भंवरकुआ, तेजाजी नगर रुट पर चल रही है।

शहर में डीजल इंजन से चलने वाली बसों को हटाकर अटल इंदौर सिटी बस कंपनी इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू कर रही है। बीआरटीएस लेन में ज्यादातर डीजल बसें बंद कर दी गई है। इंदौर को अमृत प्रोजेक्ट के तहत नई बसें मिली। उनके लिए 30 से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन बनना थे, लेकिन उतने नहीं बन पाए।

इस कारण सभी बसों को उपयोग नहीं हो पा रहा है। फिलहाल विजय नगर, राजीव गांधी चौराहा, सिटी बस दफ्तर सहित अन्य पंद्रह स्थानों पर बसों की चार्जिंग की व्यवस्था है। नई बसों का संचालन लगातार अलग-अलग रुटों पर होना है, लेकिन उन्हें चार्जिंग के लिए इंतजार न करना पड़े, इसके लिए शहर में 50 से ज्यादा नए चार्जिंग स्टेशनों की जरुरत है। नगर निगम शहर में दोपहिया वाहनों के चार्जिंग स्टेशन भी बन रहा है।

छह घंटे में होती है एक बस चार्ज

जो नई सिटी बसे त्रिची से इंदौर आई है। उनके पूरी तरह चार्ज होने में छह घंटे का समय लगता है। यदि डबल चार्जर से चार्ज किया जाए तो तीन घंटे में बैटरी चार्ज हो जाती है। एक बार की चार्जिंग में 300 से 350 किलोमीटर का सफर एक बस द्वारा तय होता है। फिलहाल जिन दस बसों का संचालन हो रहा है। उन्हें राजीव गांधी चौराहा के बस स्टेशन से चार्ज किया जा रहा है।

मेयर पुष्य मित्र भार्गव का कहना है कि सिटी बसों व दोपहिया वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने का काम चल रहा है। हाल ही में विश्राम बाग में नया स्टेशन शुरू हुअा है। जहां दोपहिया, तीन पहिया व चार पहिया वाहनों की बैटरी चार्ज करने की सुविधी शहरवासियों को दी जा रही है।

Related Articles

Back to top button