गणेशोत्सव अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमो में गायन की प्रस्तुतियां दी

धार
महाराष्ट्र ब्राम्हण समाज मे गणेश उत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत महाराष्ट्र नागपुर के सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक जयंत मंगरुळकर ने अपनी गायकी की प्रस्तुति देकर खूब दाद बटोरी,कार्यक्रम में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में अपनी वाणी से कार्यक्रमों को एक सूत्र में पिरोने वाले सह कलाकार किशोर गलांदे,मप्र गुजरात सहित अन्य राज्यो में तबले पर अपनी कला का जादू बिखरने वाले सुप्रसिद्ध भजन गायक एवं तबला वादक शिवम मालवीय संगीत के वरिष्ठ शिक्षक व हारमोनियम वादक दीपक खलतकर का समाज के अध्यक्ष अरुण उज्जैनकर,कार्यकारिणी मण्डल के वरिष्ठ सद्स्य उदय वड़नेरकर,कमलेश देव ने पुष्प मालाओं से स्वागत किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम के सूत्रधार किशोर गलांदे ने उपस्थित श्रोताओं से कहा कि गायन की अनेक विधाए ह्योति है जिसमे प्रमुख रूप से शास्त्रीय संगीत,सुगम संगीत के साथ साथ नाट्य संगीत है।

भारत में शास्त्रीय संगीत का महत्वपूर्ण स्थान है जिसके माध्यम से घर घर संगीत आराधना की जाती है स्वत्रंत्रता के पूर्व 1940 के काल खण्ड के दौरान वीर सावरकर जी ने नाट्य संगीत के माध्यम से मुम्बई,पूना,नागपुर सहित अनेक स्थानों पर देशप्रेम का अलख जगाने का कार्य किया था,वर्तमान परिदृश्य में युवा पीढ़ी आधुनिक संचार माध्यमो सोश्यल मीडिया के माध्यम से संगीत की शिक्षा ग्रहण करने का प्रयास कर रही है,लेकिन संगीत की आराधना में गुरु शिष्य परम्परा का अपना स्थान है।

कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक जयंत मंगरुळकर ने अपनी शास्त्रीय गायकी और भजनों की प्रस्तुति से समा बांध दिया,और श्रोताओं की खूब दाद बटोरी गायन के इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सुधी श्रोतागण मौजूद थे कार्यक्रम का संचालन डॉ गजेंद्र उज्जैनकर ने किया अतिथि परिचय सुभाष देव ने दिया तथा आभार समाज के सचिव संजीव पुराणिक ने माना |

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