अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन का शुभारंभ, राष्टÑपति बोले-आयुर्वेद ‘साइंस ऑफ लाइफ’
उज्जैन
राष्ट्रपति डॉ रामनाथ कोविंद ने कहा है कि यह जानकर मन आनंदित होता है कि मॉरिशस सहित विश्व के लगभग 20 देशों में आयुर्वेद से संबंधित शोध कार्य चल रहे हैं। आयुर्वेद का अर्थ है साइंस आॅफ लाइफ और सबसे खास बात यह है कि आयुर्वेद में चिकित्सा के साथ-साथ रोग के मूल कारण को समाप्त करने के लिए प्रयास किया जाता है। इसी कारण आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का स्थान कोई भी चिकित्सा पद्धति नहीं ले पाई है।
यह खुशी की बात है कि आयुर्वेद महासम्मेलन आयुर्वेद विज्ञान को भारत की राष्ट्रीय चिकित्सा पद्धति बनाने के लिए कार्य करता रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को उज्जैन में कालिदास संस्कृत अकादमी में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें महाधिवेशन में ये बातें कहीं। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, प्रदेश के आयुष मंत्री रामकिशोर नानो कांवरे, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन की मौजूदगी रही।
राष्टपति ने की CM शिवराज की तारीफ, बोले-MP आयुर्वेद की पहचान
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लोक एवं प्राचीन चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने में हमेशा रुचि दिखाई है। उज्जैन में आयुर्वेद शासकीय कॉलेज के नए भवन के निर्माण में उनका योगदान है। मध्यप्रदेश आयुर्वेद की पहचान बने।
महाकाल के दर्शन किए राष्ट्रपति ने
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को उज्जैन में भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन कर पूजन-अर्चन किया। उन्होंने भगवान महाकालेश्वर मंदिर परिसर में हो रहे विस्तार कार्यों का अवलोकन भी किया।
ज्ञान, कर्म, भक्ति और वैराग्य की अद्भुत धरा उज्जैन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उज्जैन ज्ञान, कर्म, भक्ति और वैराग्य की अद्भुत भूमि है। प्रदेश के हर जिला चिकित्सालय में हमने आयुर्वेद के माध्यम से चिकित्सा की व्यवस्था कर दी है। हम आयुर्वेद के साथ अन्य विधाओं को भी तेजी से परिष्कृत करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। सीएम चौहान ने कहा कि हमने तय किया है कि मध्यप्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में आयुष विभाग अलग से स्थापित कर उसमें आयुर्वेदिक चिकित्सा की व्यवस्था की जाए। इसमें पंचकर्म जैसे चिकित्सकीय उपाय भी शामिल होंगे। राष्ट्रपति के निर्देशन, मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में हम आयुर्वेद पर शोध के लिए संस्थान की स्थापना करेंगे। ताकि प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले।