MP Election 2023: लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा-कांग्रेस, छिंदवाड़ा पर फोकस

MP Election 2023: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चुनाव के माइक्रो मैनेजमेंट प्लान पर काम शुरू करने का निर्णय किया है। पार्टी लोकसभा चुनाव के हिसाब से नए सिरे से तैयारी करेगी।

MP Election 2023: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. विधानसभा चुनाव से फुरसत पाते ही भाजपा लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) की तैयारी में जुट जाएगी। संगठन स्तर पर एक बार फिर बूथ को मजबूत करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। पार्टी नेताओं का मानना है कि मध्य प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में हुआ कम मतदान बूथ स्तर के कामकाज में सुधार की आवश्यकता बता रहा है।

पार्टी अगले चार महीने बूथ और शक्ति केंद्र को मजबूत बनाने पर ध्यान देगी। संगठन का विचार है कि लोकसभा चुनाव (MP Election 2023) में बाहरी राज्य से कार्यकर्ता नहीं आ पाएंगे, ऐसे में 50 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त करना स्थानीय कार्यकर्ताओं की ही जिम्मेदारी होगी।

छिंदवाड़ा सीट पर BJP का विशेष फोकस – Lok Sabha elections

बता दें, भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 29 में से 28 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। इस बार पार्टी की विशेष नजर कांग्रेस की इकलौती और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ की छिंदवाड़ा सीट पर है। भाजपा ने इसी सप्ताह विधानसभा चुनाव में कम मतदान वाले बूथों की समीक्षा की है।

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पार्टी ने सभी 64,626 बूथों में हुए मतदान के विश्लेषण का निर्णय किया है। जहां कम वोटिंग हुई है, उसके कारण जानने के साथ ही बूथ कमेटी और खास तौर से त्रिदेव के प्रदर्शन का आकलन भी किया जाएगा। जिन मतदान केंद्रों पर लापरवाही हुई है, उनकी सूची भी तैयार की जाएगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत को लेकर आकलन अलग से होगा।

रिकार्ड मतदान में बूथ प्रबंधन की भूमिका

पार्टी पदाधिकारियों का मानना है कि प्रदेश में इस बार रिकार्ड 77.15 प्रतिशत मतदान हुआ है। इसमें बूथ प्रबंधन की भी भूमिका रही है लेकिन जिन बूथों पर मतदान उम्मीद के अनुरूप नहीं हुआ है, वहां पार्टी लोकसभा चुनाव के हिसाब से नए सिरे से तैयारी करेगी। साथ ही, मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लगभग पांच महीने पहले भाजपा ने चुनाव के माइक्रो मैनेजमेंट प्लान पर काम शुरू करने का निर्णय किया है। इसमें एक बार फिर मतदाताओं के घर, मोहल्ले, गली और बूथ में समरस होने का लक्ष्य रखा गया है।

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अब बूथ प्रबंधन पर नजर

इस रणनीति के अहम किरदार त्रिदेव और पंच परमेश्वर होंगे। इनके दम पर भाजपा विधानसभा चुनाव में हुई गलतियों को सुधारकर अपनी चुनावी जमीन मजबूत करना चाहती है। वर्जन विधानसभा चुनाव में की गई संगठनात्मक तैयारी विशेष कर बूथ प्रबंधन प्रभावी रहा है। पिछले दो सालों से मतदान के दिन तक विभिन्न प्रकार की गतिविधियां बूथ केंद्रित रही है।

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