MP News : प्रदेश की दागदार वर्दी, 12 सालों में लगभग पौने दो सौ पुलिसकर्मियों पर रेप केस दर्ज

Latest MP News : पिछले 12 सालों में पुलिस महकमे में पौने दो सौ के लगभग अफसर और कर्मियों के खिलाफ रेप के प्रकरण दर्ज हुए हैं। इसमें ग्वालियर, भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे बड़े शहरों में 64 ऐसे मामले इन वर्षों में सामने आए हैं।

Latest MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश में पिछले 12 सालों में पुलिस महकमे में पौने दो सौ के लगभग अफसर और कर्मियों के खिलाफ रेप के प्रकरण दर्ज हुए हैं। इसमें ग्वालियर, भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे बड़े शहरों में 64 ऐसे मामले इन वर्षों में सामने आए हैं। इसमें पहले नंबर पर ग्वालियर है।

वर्ष 2010 से 2022 तक अकेले इस जिले के विभिन्न थानों में पुलिस अफसर और कर्मियों पर 28 मामले बलात्कार के दर्ज हुए हैं। इस संबंध में विधायक जीतू पटवारी के सवाल पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने लिखित जवाब में पुलिस अफसर और कर्मियों पद दर्ज हुए बलात्कार के प्रकरणों की जिले वार जानकारी दी है।

ग्वालियर की स्थिति

ग्वालियर में भंवरपुरा थाना , माधोगंज थाना , ग्वालियर थाना, महिला थाना, कम्पू थाना, बेलगढ़ा थाना, पुरानी छावनी थाना, मुरार थाना, डबरा थाना, बहोड़ापुर थाना, डबरा भाहर थाना ,जनकगंज थाना, विश्वविद्यालय थाना, महाराजपुर थाना ,गोला का मंदिर में मामले दर्ज हुए थे। इनमें से 12 मामलों में आरोपी दोष मुक्त हो गए और एक की एफआईआर क्वैश हो गई। बाकी के मामले अभी विचाराधीन हैं।

इंदौर, जबलपुर की स्थिति

इंदौर के तेजाजीनगर थाना,एमआईजी थाना, लसुडिया थाना, हरिनगर थाना, भंवरकुआ थाने में तीन, महिला थाने में 8 प्रकरण दर्ज हुए। इसमें एक मामले में राजीनामा हो गया, जबकि 2 मामले में पुलिसकर्मी दोषमुक्त हुआ। जबलपुर जिले के सिविल लाइन थाना, मझोली, खितौला थाना, विजयनगर थाना, रांझी थाना और ग्वारी घाट थाने में मामले दर्ज हैं। इनमे से एक मामले में दोषमुक्ती हो चुकी है। जबकि एक मामले में सजा सुनाई जा चुकी है। बाकी के मामले विचाराधीन हैं।

भोपाल पुलिस का यह हाल

भोपाल शहर के टीटीनगर थाने में दो मामले दर्ज हुए। इनमें से एक मामले में आरोपी दोष मुक्त हो गए हैं। वहीं कमला नगर थाने में 9 मामले दर्ज हुए। इनमें से चार में आरोपी दोष मुक्त हो चुके हैं। बाकी के मामले विचाराधीन हैं। इसी तरह ऐशबाग थाना, अशोका गार्डन, मिसरोद और हनुमानगंज थाने में भी एक-एक मामले दर्ज हुए थे। इसमें से मिसरोद में दर्ज प्रकरण ही विचाराधीन हैं। बाकी के तीनों थानों के मामले में आरोपी दोष मुक्त हो चुके हैं।

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