MP VidhanSabha Live: 16वीं विस सत्र के पहले दिन 207 विधायकों को दिलाई शपथ

MP VidhanSabha Live: शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, नवनिर्वाचित विधायक कैलाश विजयवर्गीय सहित अन्य नेताओं ने सामयिक अध्यक्ष गोपाल भार्गव का अभिनंदन किया।

MP VidhanSabha Live: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. मध्य प्रदेश की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ के साथ सोमवार को शुरू हुआ। पहले दिन मुख्यमंत्री सहित 207 नवनिर्वाचित सदस्यों को सामयिक अध्यक्ष गोपाल भार्गव ने शपथ दिलाई। औपचारिक स्वागत के पश्चात सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए सामयिक अध्यक्ष भार्गव ने कांग्रेस विधायक दल के नेता उमंग सिंगार को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया।

इसके बाद सबसे पहले मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने विधानसभा की सदस्यता की शपथ ली। फिर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को शपथ दिलाई गई। इसके बाद उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य विधायकों ने शपथ ली। (MP VidhanSabha Live)

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और नव निर्वाचित विधायकों में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, विधायक कैलाश विजयवर्गीय, कांग्रेस विधायक अजय सिंह राहुल भैया सहित 207 विधायकों ने विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। सदन में नवनिर्वाचित विधायक एक दूसरे को बधाई देते नजर आए।

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शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, नवनिर्वाचित विधायक कैलाश विजयवर्गीय सहित अन्य नेताओं ने सामयिक अध्यक्ष गोपाल भार्गव का अभिनंदन किया। एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच सदन में और सदन के बाहर भी चला रहा।

ये पीढ़ी परिवर्तन का दौर है, इसे सकारात्मक लें : शिवराज सिंह चौहान

shivraj-mohan yadav

विधानसभा में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से कहा कि आज विधानसभा में बड़ा सुखद वातावरण रहा। ये पीढ़ी परिवर्तन का दौर है। मोहन यादव मुख्यमंत्री हैं। उमंग सिंगार नेता प्रतिपक्ष हैं। इसे सकारात्मक रूप से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैने 17 साल से ज्यादा प्रदेश की सेवा की है, लेकिन स्वाभाविक रूप से एक राज्य के नागरिक के नाते की है। मोहन यादव और ज्यादा बेहतर विकास के आयाम स्थापित करें। पूर्व सीएम ने आने वाली भूमिका को लेकर कहा कि भाजपा एक मिशन है और यह पार्टी तय करती है कि आप कहां काम करोगे। हमारा लक्ष्य लोकसभा की 29 सीट जीतना है।

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16वीं विधानसभा के पहले सत्र में विधायकों के शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मीडिया से रूबरू हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा सत्र में नवनिर्वाचित सदस्यों ने मेरे साथ शपथ ग्रहण की है। प्रशासनिक व्यवस्था अच्छी चले इसके लिए सभी नवनिर्वाचित सदस्यों का प्रशिक्षण कराया जाएगा, ताकि सदन की कार्रवाई बेहतर ढंग से चल सके। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह राष्ट्रीय नेतृत्व तय करेगा कि मध्य प्रदेश में कौन-कौन मंत्री बनेंगे। राष्ट्रीय संगठन स्तर पर इसकी तैयारी चल रही है।

रीति पाठक, अभिलाष पांडेय सहित 10 विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ

पूर्व सांसद और नवनिर्वाचित विधायक रीति पाठक ने संस्कृत में शपथ ली। डा. अभिलाष पांडेय और धर्मेंद्र लोधी सहित 10 विधायकों ने भी संस्कृत में शपथ ली। वहीं कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने उर्दू में शपथ ली। इधर, दिल्ली में लोकसभा में घुसपैठ के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा के सत्र के दौरान सुरक्षा को लेकर सख्ती बरती जा रही है। विधायक के साथ सदन में केवल एक व्यक्ति को ही आने की अनुमति दी जा रही है।

आदिवासी वेशभूषा में आए विधायक विक्रांत भूरिया

कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया आदिवासी वेशभूषा में विधानसभा पहुंचे। आदिवासियों के परंपरागत पहनावे में नजर आए भूरिया ने विधानसभा में शपथ ली। उनके अलावा विधायक संजय पाठक और डा. अभिलाष पांडेय भी धोती कुर्ता पहनकर सदन में पहुंचे।

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लोकतंत्र के मंदिर में राम मंदिर लेकर पहुंचे

डा. अभिलाष विधानसभा के सत्र में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जबलपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डा. अभिलाष पांडेय राम मंदिर की प्रतिकृति लेकर सदन में पहुंचे।

विधायक डोडियार की पत्नी को दर्शक दीर्घा में प्रवेश से रोका

सैलाना विधानसभा सीट से भारत आदिवासी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक कमलेश्वर डोडियार अपने परिवार के साथ विधानसभा पहुंचे। डोडियार सदन में शपथ लेने चले गए, लेकिन उनकी पत्नी को दर्शक दीर्घा में प्रवेश करने से रोक दिया गया। वह अपने साथ एक साल का पुत्र लेकर आई थी।

सुरक्षा कर्मियों का तर्क था कि बच्चा रोएगा तो सदन की कार्यवाही बाधित होगी, इसलिए बच्चे के साथ दर्शक दीर्घा में उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा सकता। हालांकि बाद में वह बच्चे को बाहर अपने परिजनों के पास छोड़कर दर्शक दीर्घा में कुछ समय के लिए बैठी। डोडियार के पिता और माता दोनों विधानसभा के बाहर भटकते रहे, जिन्हें बाद में विधानसभा में बने मंदिर में बैठाया गया।

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