3 पुलिसकर्मियों को गुना में गोली से उड़ाया, CM के निर्देश ऐसा एक्शन हो की नजीर बन जाए
गुना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया है अपराधियों की पहचान हो गई है, जांच हो रही है। घटना के पास वाले गांव में एक लाश मिली है, उसे गोली लगी है। पुलिस फोर्स भेजा गया है। अपराधी बचेंगे नहीं। पुलिस फोर्स को अपराधियों को पकड़ने के लिए लगा दिया गया। घटना स्थल पर पहुंचने में देरी करने पर आईजी ग्वालियर अनिल शर्मा को हटा दिया है। उनके स्थान पर एडीजी डी. श्रीनिवास वर्मा को भेजा गया है। सीएम ने कहा कि शहादत का सम्मान करता हूं, तीनों को शहीद का दर्जा दिया जाएगा। परिवार को एक-एक करोड़ दिए जाएंगे। परिवार के एक-एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाएगी। सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।
लापरवाह फॉरेस्ट आॅफिसर पर भी गिरेगी गाज
इधर, गुना में हुए हिरण व मोर के शिकार की घटना और पुलिसकर्मियों की मौत पर पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जसवीर सिंह चौहान ने कहा कि पोचिंग का जो केस है उसमें हम पुलिसविभाग के साथ कोर्डिनेशन से काम करेंगे। विभाग मामले की जांच अपने स्तर पर भी करेगा जिन वनकर्मियों व अधिकारियों की लापरवाही सामने आएगी उन पर कार्यवाई की जाएगी।
शिवराज ने सीनियर अफसरों के साथ की आपात बैठक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले पर आनन-फानन में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, एसीएस होम राजेश राजौरा, इंटेलीजेंस एडीजी आदर्श कटियार सहित अन्य अफसर मौजूद थे। वहीं डीजीपी वीडियो कांफ्रेंसिंग से शामिल हुए। बैठक में एडीजी इंटेलीजेंस आदर्श कटियार ने पूरी घटना का ब्योरा मुख्यमंत्री के सामने पेश किया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए जंगलों में पुलिस की टीम उतार दी गई है। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सीएम ने निर्देश दिए हैं कि अपराधियों पर ऐसा एक्शन हो की यह उदाहरण बने। वहीं उन्होंने कहा कि हमारे पुलिस के मित्रों ने शिकारियों से लड़ते हुए अपने प्राण दे दिए। अपराधियों के खिलाफ ऐसी कार्यवाही होगी, जो उदाहरण बनेगी।
क्रॉस फायरिंग में एक शिकारी के मारे जाने का अनुमान
शिकारियों ने जैसे ही पुलिस को देखा तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की, लेकिन शिकारियों की संख्या पुलिसकर्मियों से ज्यादा होने के चलते शिकारी भारी पड़ गए और उनकी फायरिंग से उपनिरीक्षक राजकुमार जाटव, प्रधान आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम मीणा की गोली लगने से मौत हो गई। इधर पास के ही गांव में एक नौशाद मेवाती नाम के व्यक्ति की भी लाश मिली है। उसे भी गोली लगी है। ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस की क्रॉस फायरिंग में वह मारा गया है। हालांकि पुलिस मुख्यालय के आला अफसर नौशाद की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही एनकाउंटर में मारे जाने की पुष्टि करेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले पर आनन-फानन में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, एसीएस होम राजेश राजौरा, इंटेलीजेंस एडीजी आदर्श कटियार सहित अन्य अफसर मौजूद थे। वहीं डीजीपी वीडियो कांफ्रेंसिंग से शामिल हुए। बैठक में एडीजी इंटेलीजेंस आदर्श कटियार ने पूरी घटना का ब्योरा मुख्यमंत्री के सामने पेश किया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए जंगलों में पुलिस की टीम उतार दी गई है। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सीएम ने निर्देश दिए हैं कि अपराधियों पर ऐसा एक्शन हो की यह उदाहरण बने। वहीं उन्होंने कहा कि हमारे पुलिस के मित्रों ने शिकारियों से लड़ते हुए अपने प्राण दे दिए। अपराधियों के खिलाफ ऐसी कार्यवाही होगी, जो उदाहरण बनेगी।
राघौगढ़, शाढोरा के जंगलों में छापेमारी तेज शाम तक नतीजा नहीं तो एसपी भी नपेंगे
आरोपियों की पहचान कर ली गई है। इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस आरोप के साथ ही राघोगढ़, शाढौरा और उसके आसपास के जंगलों और गांव में सर्चिंग कर रही है। आरोपियों के कुछ परिचितों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो गुना एसपी राजीव मिश्रा पर अब शिकारियों पर बड़ी कार्रवाई करने का भारी दबाव है। यदि शाम तक वे कोई नतीजे पर नही पहुंचते हैं तो उन पर भी गाज गिरना तय मानी जा रही है। ऐसे में गुना पुलिस अब पूरी जी जान से जुटी है कि कैसे भी आरोपियों की धरपकड़ हो सके।
बताते चले की गुना जिले के आरोन में हिरण और मोर के शिकारियों से हुई मुठभेड़ में उपनिरीक्षक सहित तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। पुलिस का गाड़ी चालक घायल हो गया। पुलिस और शिकारियों के बीच में करीब पचास राउंड फायरिंग हुई। जिसमें एक शिकारी के मारे जाने का भी शक है, हालांकि पुलिस मुख्यालय ने फिलहाल जो इसे क्रास फायरिंग में मारे जाने की पुष्टि नहीं की है। इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में आईजी ग्वालियर अनिल शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। वहीं शहीद हुए पुलिस अफसर और कर्मियों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी देने का ऐलान भी सरकार ने किया है।
उपनिरीक्षक ने दिखाया साहस
आरोन पुलिस थाना क्षेत्र के ग्राम सगाबरखेड़ा में रात्रि ड्यूटी पर तैनात प्रधान आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम मीणा को सूचना मिली थी कि चार मोटर साइकिल पर 7 लोग हिरण और मोर का शिकार कर भाग रहे हैं। यह सूचना इन दोनों ने नाईट गश्त पर तैनात उपनिरीक्षक राजकुमार जाटव को दी। जाटव अपने साथ प्रधान आरक्षक दिनेश गौतम और आरक्षक प्रदीप मीणा को लेकर सूचना स्थल पर पहुंचे। शिकारियों को पकड़ने के लिए उपनिरीक्षक ने गाड़ी सड़क के बीच में खड़ी कर दी। जहां मुठभेड़ हो गई।