पाकिस्तानी शख्स 19 साल जेल में रहने के बाद हुआ रिहा, अब भी यूपी की जेल में
शामली
19 साल पहले रिहा 70 साल का पाकिस्तानी नागरिक अभी भी यूपी के जेल में बंद है। आतंकवाद के मामले में गिरफ्तार इस शख्स को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2019 में ही रिहा कर दिया था लेकिन दो देशों के बीच उलझे एक कानूनी दांवपेच की वजह से अभी तक पाकिस्तानी नागरिक यूपी की जेल में बंद है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के वजीराबाद निवासी मोहम्मद वारिस उर्फ रजा 2000 मैं 48 साल की उम्र में शामली जिले से गिरफ्तार किया गया था। वारिस के 40 साल बेटे ने बताया कि वह इंडिया अपने पुराने मित्र से मिलने आए थे। पुलिस ने उनके पास से हथगोले और बंदूकें बरामद कर गिरफ्तार कर लिया था। मोहम्मद वारिस के बेटे ने बताया कि वह अपने दोस्त अशरफ के घर रुके थे। पुलिस ने वहीं से उनको चार लोगों के साथ गिरफ्तार किया था।
बाद में जांच कर रही यूपी पुलिस ने वारिस का कनेक्शन आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के साथ पाया था और उन पर आईपीसी 121 धारा में मामला दर्ज कर लिया था। वारिस पर विदेशी एक्ट विस्फोटक पदार्थ है और पासपोर्ट एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया था। इसके बाद मुकदमा चलने लगा। कोर्ट में वारिस ने बताया था कि उसे फंसाया गया है। उसपर लगे सारे आरोप गलत है। उनके पास से कोई हथियार नहीं मिले थे और वह एक वैध पासपोर्ट पर भारत आए थे लेकिन एक बहस के बाद यूपी पुलिस ने उसे फाड़ दिया था। उन्होंने अपना यह बयान कभी नहीं बदला था। साल 2017 में मुजफ्फरनगर ट्रायल कोर्ट में अशफाक नन्हें और वारिस को धारा 121 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई गई। हालांकि, वारिस को पासपोर्ट एक्ट और विस्फोटक पदार्थ ण्क्ट के आरोपों से बरी कर दिया गया था। मामले के अन्य आरोपी भी बरी कर दिए गए थे।