छत्तीसगढ़-रायगढ़ में गड्ढे में घंटों फंसा रहा हाथी का बच्चा, ग्रामीणों ने बचाई जान

रायगढ़.

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक बार फिर से जंगलों में विचरण करने वाले जंगली हाथी के दल में से एक हाथी शावक का वीडियो सामने आया है। हाथी शावक खेत में बने तालाब नुमा गड्ढे में फंस गया था। जिसे घंटों बाद रेसक्यू कर बाहर निकाला जा सका। तब जाकर उसकी जान बच सकी।

मिली जानकारी के मुताबिक, इन दिनों रायगढ़ जिले के जंगलों में कुल 99 जंगली हाथी अलग-अलग दल में अलग-अलग रेंज में विचरण कर रहे हैं। हाथियों के इस दल में नर हाथी 27, मादा हाथी 49 के आलावा 23 हाथी शावक शामिल हैं। हाथियों के दल मे सर्वाधिक हाथी की बात करें तो लैलूंगा रेंज में  41 हाथी, धरमजयगढ़ के सेमीपाली में 20 हाथी, कापू रेंज के रतनपुर 20 हाथी के आलावा अलग-अलग रेंज मे हाथी विचरण कर रहे।

नहाते समय फंस गया शावक
बताया जा रहा कि रायगढ़ वन मंडल के दनौट से वापस जाते समय घरघोड़ा और लैलूंगा सीमा के चिल्कागुढ़ा के खेत में पानी से भरे गड्ढे में 41 हाथी का दल सुबह 7 बजे के आसपास नहाने गया था। तभी सभी हाथी नहा का निकल गए और एक शावक उसमें फंस गया। निकल नहीं सका, जिसे तकरीबन एक घंटे बाद रेसक्यू कर बाहर निकाला जा सका।

दो साल का था शावक
गांव के ग्रामीणों ने बताया कि जो हाथी शावक खेत में पानी से भरे गड्ढे में फसा था उसकी उम्र करीब दो साल के आसपास है। इस घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने  लैलूंगा एसडीओ और घरघोड़ा एसडीओ समेत वन अमला को इस घटना से अवगत कराया और फावडे की मदद से हाथी शावक को बाहर निकाला जा सका। जिसके बाद अपने दल मे शामिल हो सका।

मौके पर मौजूद था हाथियों का दल
गांव के ग्रामीणों ने बताया कि जिस समय वे लोग पानी से भरे गड्ढे में फंसे हाथी शावक को निकालने का प्रयास में जुटे हुए थे। इस दौरान हाथियों का एक दल आसपास ही मौजूद था और इस दौरान पूरा क्षेत्र हाथियों के चिंघाड़ से गूंजता रहा। लेकिन गांव के ग्रामीण हाथी शावक की जान बचाने जुटे रहे और आखिरकार उन्हें सफलता मिली।।

जानें एसडीओ ने क्या कहा
इस सम्बन्ध मे घरघोडा एसडीओ केपी डिंडोरे ने बताया कि किसान पानी रखने के लिये खेत में गड्ढा खोदकर रखे रहते हैं। उसमें यह शावक गिर गया था। इस दौरान हाथियों का 41 दल यहा मौजूद था। घरघोड़ा और लैलूंगा रेंज की यह घटना है और दोनों रेंज के एसडीओ मौजूद थे, यह घटना सुबह सात बजे की घटना है, सफलता पूर्वक रेस्क्यू करके निकाल लिया गया। ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को इस मामले की सूचना दिया और एक घंटे बाद शावक को बाहर निकाला गया।

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