गहलोत सरकार पर क्यों फूटा कांग्रेस कार्यकर्ताओं का गुस्सा, बोले- हमे दरकिनार करोगे तो कैसे बनाओगे सरकार

भरतपुर
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है लेकिन फिर भी पार्टी के कार्यकर्ता अपनी ही पार्टी से ना खुश नजर आ रहे हैं । हालांकि समय-समय पर कार्यकर्ता अपने नेताओं को अपनी नाराजगी भी जताते रहते हैं। मगर पार्टी के नेताओं का कार्यकर्ताओं के ऊपर ध्यान नहीं जा पा रहा है। उधर कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री बनने के लिए अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच आपसी गुटबाजी भी काफी समय से चल रही है और अब पार्टी के कार्यकर्ता भी काफी नाराज नजर आ रहे हैं।

राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पहुंचे भरतपुर
दरअसल राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा सोमवार को भरतपुर पहुंचे। सर्किट हाउस में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर अपनी भड़ास भी निकाली और अपनी ही सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि हमारी सरकार कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रही है। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में जो बोर्डों और आयोगों में नियुक्तियां की गई हैं उनमें विधायकों व बड़े नेताओं को शामिल किया गया है जबकि आम कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दी गई है। यदि ऐसे ही कार्यकर्ता नाराज रहे तो फिर कांग्रेस को सत्ता में कैसे आ पाएगी।

क्या कहा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने  
भरतपुर नगर निगम मेयर अभिजीत कुमार ने कहा कि हाल ही में सरकार ने बजट में अनुसूचित जाति- जनजाति विकास फंड का गठन किया है। लेकिन ऐसे फंड का क्या फायदा है जिसमें सजा का अधिकार नहीं हो। इसलिए मुख्यमंत्री जी से कहना है कि ऐसे फंड का कोई फायदा नहीं है ऐसे फंड का क्या झुनझुना बजाएंगे । आज यदि दलित पीड़ित लोग थाने पहुंचते हैं तो उनकी शिकायत दर्ज नहीं की जाती हैं। हमारी मांग है कि राजस्थान में सरकार को प्रशासन और दलितों के संग अभियान चलाना चाहिए। वही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जिला उपाध्यक्ष रहे चुन्नी कप्तान ने कहा कि सरकार ने जो नियुक्तियां दी हैं उनमें विधायकों को तवज्जो दी गई है और कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। हम नही कहते कि विधायकों को तवज्जो मत दो लेकिन हमारी मांग है कि कार्यकर्ताओं की अनदेखी भी नहीं होनी चाहिए, नहीं तो मेरे जैसा कट्टर कांग्रेसी कार्यकर्ता कभी भी भाग जाएंगे ।

क्या कहा खिलाड़ी लाल बैरवा ने
बैरवा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के किसी भी नेता के पास यह अधिकार नहीं है कि वह यह घोषणा करें कि आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा। यह निर्णय करने का अधिकार सिर्फ कांग्रेस आलाकमान के पास है। जहां तक बात धौलपुर के बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर बिजली अधिकारियों के साथ मारपीट करने की शिकायत है तो उसमें सरकार जांच कर रही है। क्योंकि विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज होती है तो उसकी जांच सीआईडी करती है। आज देखा जाता है कि दलित समुदाय के लोगों को शिकायत दर्ज कराने में काफी परेशानी होती है। पुलिस उन शिकायतों में एफआरआर लगा देती है मगर कारण नहीं लिखती है ।

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