अब सोशल मीडिया चलाने के लिए बच्चों को पेरेंट्स से लेनी होगी Permission

Social Media Data Protection: सोशल मीडिया जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम में अकाउंट बनाने के लिए बच्चों को अपने माता-पिता का Permission लेना जरूरी होगा।

Social Media Data Protection: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. केंद्र सरकार द्वारा जारी इस नियम के ड्राफ्ट में बताया गया है कि इस नियम के लागू होने के बाद सोशल मीडिया जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम में अकाउंट बनाने के लिए बच्चों को अपने माता-पिता का Permission लेना जरूरी होगा। हालांकि इस ड्राफ्ट पर 18 फरवरी तक सुझाव मांगे गए हैं उसके बाद ही सरकार इस पर कुछ फैसला करेगी।

18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर लागू होगा नियम

आज के समय में सोशल मीडिया छोटे बच्चों के लिए काफी हानिकारक होता जा रहा है जिसको देखते हुए सरकार ने एक ऐसा नियम लाने का सोचा जिसमें अब 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए अपनी अपनी पेरेंट्स की अनुमति लेना जरूरी होगा। यह नियम digital personal data protection act, 2023 में शामिल है, जिसे केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जारी किया।

केंद्र ने की अधिसूचना की जानकारी

इस अधिसूचना की घोषणा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय(MeitY) ने की और साथ ही इसके नियमों पर आपत्ती व सहमति जैसे सुझाव देने के लिए लोगों से अपील भी किया। इस पर फीडबैक सरकारी वेबसाइट mygov.in के माध्यम से दे सकते हैं. फीडबैक पर विचार के लिए 18 फरवरी 2025 के बाद की तारीख चुनी गई।

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इस कानून के तहत बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों के व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने पर काफी ध्यान दिया गया है। ऐसी संस्थाएं जो यह दावा करती है कि वह इन सभी नाबालिक वह दिव्यांग बच्चों के डाटा को मैनेज करेगी उन्हें भी मैनेज करने के लिए बच्चों के पेरेंट्स से सहमति लेना अनिवार्य होगा। साथ ही कुछ संगठनों जैसे शैक्षणिक संस्थानों और बाल कल्याण संस्थाओं को इन नियमों से छूट प्रदान की गई है।

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आज के डिजिटल दुनिया में बच्चों और बड़ों के भी व्यक्तिगत डेटा का आदान-प्रदान illegal तौर पर किया जाता है जिसे रोकने के लिए भी सरकार काम कर रही है और साथ ही ऐसे नियम बनाए गए हैं जिसमें आप अपने डेटा की पूरी जानकारी उसे कंपनी से मांग सकते हैं जिसने आपकी डाटा को सुरक्षित रूप से रखा हुआ है और साथ ही आपको यह पूछने का अधिकार होगा कि वह इस डाटा का इस्तेमाल कैसे और किस लिए कर रहा है। डेटा उल्लंघन की स्थिति में ढाई सौ करोड रुपए तक के जुर्माना का प्रावधान किया गया है।

सरकार द्वारा डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना

व्यक्तिगत डेटा को चोरी होने से बचाने के लिए सरकार द्वारा डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना की जाएगी,जो यह सुनिश्चित करेगा की इन नियमों का पालन सही से हो रहा है या नहीं। यह पूरी तरह से डिजिटल नियामक के रूप में कार्य करेगा।

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