Union Carbide Waste: आज फिर जलेगा जहरीला कचरा, 20 घंटे में ठंडी हुई मशीन, देर रात तक हुई सफाई…
Union Carbide Waste: पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने का दूसरा चरण आज से शुरू होगा।

Union Carbide Waste: उज्जवल प्रदेश,पीथमपुर. पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने का दूसरा चरण आज से शुरू होगा। दूसरे चरण के ट्रायल रन में कचरा 180 किलो प्रति घंटे की दर से डाला जाएगा। इस तरह 10 टन कचरा 55 घंटे में जलेगा। पहले चरण में 135 किलो प्रति घंटे की दर से कचरा जलाया गया था। कचरा जलाने के दौरान वायु प्रदूषण की निगरानी पूर्ववत रहेगी।
जेएनएन, इंदौर। भोपाल गैस त्रासदी की जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड कंपनी के जहरीले कचरे को इंदौर से सटे पीथमपुर में जलाने का दूसरा चरण बुधवार को शुरू होगा। दूसरे चरण के पहले मंगलवार को भस्मक की सफाई व संधारण का काम हुआ। कचरा 180 किलो प्रति घंटे की दर से डाला जाएगा। दूसरे चरण के ट्रायल रन में कचरा 180 किलो प्रति घंटे की दर से डाला जाएगा। इस तरह 10 टन कचरा 55 घंटे में जलेगा। पहले चरण में 135 किलो प्रति घंटे की दर से कचरा जलाया गया था। कचरा जलाने के दौरान वायु प्रदूषण की निगरानी पूर्ववत रहेगी।
निष्पादन के लिए कचरा जलाना शुरू
पहले चरण की तरह मशीन को रातभर खाली चलाकर तापमान 800 से 850 डिग्री तक पहुंचाया जाएगा। बता दें कि हाई कोर्ट के निर्देशानुसार भोपाल में 40 वर्षों से पड़े यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन के लिए कचरा जलाना शुरू हो चुका है।
क्या हुआ था 40 साल पहले
उल्लेखनीय है कि तीन दिसंबर 1984 की सुबह की घटना जब भी लोगों के जहन में आती है, एक डरावनी तस्वीर सामने आने लगती है। इस दिन भोपाल में स्थित एक यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन के स्वामित्व वाली एक कीटनाशक फ़ैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस लीक होने लगी। लीक हुई गैस की चपेट में हजारों लोग आए थे। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इस हादसे में पांच हजार लोगों की जान गई थी। हालांकि, स्थानीय लोगों ने कहा था कि इस हादसे में इससे भी ज्यादा लोगों ने जान गवाईं थी।
सुप्रीम कोर्ट का दखल से इनकार
यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा धार जिले के पीथमपुर में ही जलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कचरा जलाने पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि वो इसमें दखल नहीं देगी। गुरुवार सुबह हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो इस संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के समक्ष आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार के उस जवाब को भी रिकॉर्ड पर ले लिया है, जिसमें कहा है कि कचरा जलाने के दौरान सभी नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
हाई कोर्ट को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
इसके प्रभाव की रिपोर्ट 27 मार्च के पूर्व हाई कोर्ट को सौंपी जाएगी। वर्ष 2015 में भी पीथमपुर के इसी संयंत्र में 10 टन जहरीला कचरा जलाकर ट्रायल रन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कचरे को जलाने पर प्रशासनिक अफसरों ने निर्णय लिया।