यूपी सरकार मार्च 2025 में तय करेगी New Circle Rate, जल्द मिलेगा भूमि अधिग्रहण का मुआवजा
New Circle Rate: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हाइवे सड़क बनाने के लिये किसानों की भूमि का अधिग्रहण मामले में नया सर्किल रेट तय कर किसानों को जल्द मुआवजा देगी।

New Circle Rate: उज्जवल प्रदेश डेस्क. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हाइवे सड़क बनाने के लिये किसानों की भूमि का अधिग्रहण मामले में नया सर्किल रेट तय कर किसानों को जल्द मुआवजा देगी। बता दें कि हाईवे या रोड बनाने के लिए सरकार की ओर से किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जाता है जिसमें उनको जो मुआवजा दिया जाता है।
वे पुरानी सर्किल रेट के आधार पर दिया जाता है, ऐसा इसलिए की बहुत अधिक समय होने के बावजूद प्रदेश सरकार की ओर से जमीन के सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है इसके अंतर्गत जिन जनपद पंचायतों में कई सालों से जमीन की सर्किल रेट का पुनरीक्षण नहीं हुआ है, वहां प्राथमिकता पर सख्त कार्रवाई को पूरा किए जाने पर फोकस किया जाएगा। 1
जमीन का सही मूल्य मिल सकेगा
उत्तरप्रदेश सरकार की योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से प्रदेश में जमीन के सर्किल रेट का पुनरीक्षण का कार्य किया जा रहा है। भूमि के सर्किल रेट के पुनरीक्षण होने से सबसे ज्यादा मुनाफा किसानों को होगा। पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी होने पर कानून के अनुसार जमीन अधिग्रहण में किसानों को जमीन का सही मूल्य मिल पायेगा ।
वहीं सरकार को राजस्व में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलने के साथ ही जमीन की खरीद–फरोख्त में पारदर्शिता आएगी। उप्र सरकार की ओर से प्रदेश में जारी विकासपरक कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए सभी जिलों में जमीनों के सर्किल रेट से जुड़ी पुनरीक्षण प्रक्रिया को पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है।
इस तरह किया जाता है जमीन के न्यूनतम मूल्य का निर्धारण
जिले के विभिन्न भागों में स्थित कृषि व अकृषि भूमि का न्यूनतम मूल्य प्रति हैक्टेयर या प्रति वर्गमीटर का दर निर्धारित किए जाने का उल्लेख है। जरूरत पड़ने पर जिलाधिकारी द्वारा वर्ष के मध्य में भी सर्किल दर सूची का पुनरीक्षण कार्य किया जा सकता है। इस तरह यूपी में 1 जनवरी 2024 से लेकर अब तक लगभग37 जिलों में जमीनों के सर्किल रेट के पुनरीक्षण की प्रक्रिया का काम लभभग पूरा किया जा चुका है।
यूपी के इन जिलों में जारी है पुनरीक्षण की प्रक्रिया
2025 मार्च में मुख्य सचिव की बैठक में इस प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन जिलों में सर्किल रेट सालों से नहीं बदला है उनमें लखनऊ, वाराणसी, इटावा, बागपत, गोरखपुर, हापुड़, कन्नौज, मेरठ, बुलंदशहर, महाराजगंज, कुशीनगर, अयोध्या, एटा, अंबेडकर नगर, संत कबीरनगर, जालौन, कौशाम्बी व प्रयागराज आदि प्रमुख हैं।
इन सभी जिलों में शीघ्र ही पुनरीक्षण की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा शामली, सहारनपुर, अलीगढ़, हमीरपुर, कासगंज, बदायूं, झांसी, मुजफ्फरपुर, ललितपुर, बांदा, मीरजापुर, आगरा, सुल्तानपुर, अमेठी व गौतमबुद्ध नगर सहित कई जिलों में फिलहाल पुनरीक्षण की प्रक्रिया जारी है।
खरीद फरोख्त के समय स्टांम्प ड्यूटी लगती है
सरकार के गाइड लाइन के अनुसार सर्किल रेट जमीन का वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर सरकार जमीन को खरीदने या बेचने के लिए मान्यता देती है। इससे कम कीमत पर जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराई जा सकती है। यूपी के कई जिलों में सर्किल रेट काफी पुराना हो गया था जिससे जमीन को बेचने पर उसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता था।
किसानों की इस समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार की ओर से जमीन के सर्किल मूल्य में बदलाव किया गया है जिससे किसानों को अपनी जमीन का बेहतर मूल्य मिल सके। बता दें कि जमीन की खरीद फरोख्त के समय स्टांम्प ड्यूटी लगती है जो सरकार के लिए राजस्व आय का स्त्रोत हैं।
सर्किल रेट से कम में किसी जमीन की रजिस्ट्री नहीं होती
जमीन का मार्केट रेट इससे अधिक ही होता है। क्योंकि बिल्डर आपको जो फ्लैट देता है वे मार्केट रेट पर देता है जो सर्किल रेट से काफी अधिक होता है। यदि बिल्डर आपको सर्किट रेट पर फ्लैट या जमीन बेचता है तो उसको काफी नुकसान हो सकता है।
ऐसे में सर्किल रेट से मार्केट रेट हमेशा अधिक होता है। सर्किल रेट तय करने के मुख्य उद्देश्य सरकारी टैक्स चोरी को रोकना है। सर्किल रेट से कम में किसी भी जमीन को बेचा या खरीदा नहीं जा सकता है। सर्किल रेट से कम में किसी जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराई जा सकती है।