Child Fraud : क्या आप भी अपने बच्चे को Child Fraud से बचाना चाहते हैं तो अपनाए ये उपाय

Child Fraud : ऑनलाइन स्कैमर्स जब छोटे बच्चों को टारगेट कर उनके साथ स्कैम करते हैं तो ये चाइल्ड फ्रॉड के अंदर आता है। आज हम आपको इससे बचने का तरीका बताने वाले हैं। आप कुछ बातों का ध्यान रखकर अपने बच्चों को सेफ रख सकते हैं

Child Fraud : नई दिल्ली. जैसे-जैसे इंटरनेट का विस्तार हो रहा है वैसे-वैसे ऑनलाइन फ्रॉड भी बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी छोटे-छोटे बच्चों को अपना टारगेट बना रहे हैं। कोरोना महामारी जब से आया तब से अब लगभग सारे घरों में स्मार्टफोन पहुंच चुके हैं। बड़े लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में काफी हद तक जानकारी होती है, लेकिन छोटे बच्चें इसके चंगुल में फस जाते हैं। बच्चों के हाथ में पड़ा मोबाइल उनके लिये ही खतरा साबित हो गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में कोविड के दौरान 1.25 मिलियन से भी अधिक बच्चों की पहचान की चोरी और ऑनलाइन फ्रॉड हुआ।

चाइल्ड फ्रॉड (Child Fraud) क्या है?

ऑनलाइन स्कैमर्स जब छोटे बच्चों को टारगेट कर उनके साथ स्कैम करते हैं तो ये चाइल्ड फ्रॉड के अंदर आता है। जब कोई बच्चा या टीनेजर ज्यादा देर तक अपना समय ऑनलाइन स्पेंड करता है तो उसके साथ स्कैम होने का चांस उतना ही बढ़ जाता है।

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जब कोविड आया तो हर छोटे बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन आया और इस दौरान पैरेंट्स की देख-रेख काफी कम हो गया। इंटरनेट पर सिक्योरिटी और प्राइवेसी जैसी चीजों से बच्चे अनजान रहते हैं। बच्चों ये ये नहीं पता होता की उनकी एक छोटी सी दी गई जानकारी उन पर भारी पड़ सकती है।

इन तरीकों से बच्चों के साथ होता है फ्रॉड

सेक्सटॉर्शन

इसमें सोशल मीडिया या गेमिंग साइटों के माध्यम से एक टीनएजर्स से ऑनलाइन कॉन्टैक्ट करता है। स्कैमर्स बच्चों से घुल मिल जाता है। स्कैमर पीड़ित से एक नग्न तस्वीर के लिए पूछता है। यदि पीड़ित स्कैमर्स की बात को मान लेता है तब स्कैमर अपना असली चाल चलता है। जालसाज पीड़ित से पैसे की मांग करता है। जब पीड़ित पैसे देने से मना करता है, तो स्कैमर प्राइवेट तस्वीरें उनके परिवार और दोस्तों को भेजने की धमकी देता है।

फिशिंग

इसमें स्कैमर्स इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से किसी को बहला-फुसलाकर उसका नाम, पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड डिटेल जैसी संवेदनशील जानकारी मांगता है।

शॉपिंग स्कैम

इसमें स्कैमर सस्ते स्नीकर्स या हॉट इलेक्ट्रॉनिक्स को सस्ते दामों पर बेचने के लिए एक वेबसाइट बनाते हैं और उसे सोशल मीडिया के माध्यम से विज्ञापन चलाते हैं। बच्चे इसके गिरफ्त में आकर सामान को आर्डर कर देते हैं। ये सामान उनके पास पहुंचता नहीं है और उनके साथ बड़ा स्कैम हो जाता है।

क्रेडेंशियल स्टफिंग

क्रेडेंशियल स्टफिंग एक प्रकार का साइबर हमला है जिसमें हमलावर चुराए गए अकाउंट की जानकारी इकठ्ठा करता है, जिसमें आमतौर पर यूजर नाम और/या ईमेल पते और संबंधित पासवर्ड की लिस्ट शामिल होती है।

सिंथेटिक अकाउंट

सिंथेटिक अकाउंट को एक नकली या फेक अकाउंट के नाम से जाना जाता है। स्कैमर वैध सामाजिक सुरक्षा नंबर (SSN) का इस्तेमाल करके झूठी व्यक्तिगत पहचान (PII) के साथ सिंथेटिक अकाउंट बना सकते हैं। इसके चलते बच्चे ऑनलाइन बुलिंग, यौन शोषण, गलत कंटेंट के शिकार हो जाते हैं। इससे बच्चों के दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

अपने बच्चों को ऐसे रखें सेफ

  • बच्चों को ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में आगाह करें
  • बच्चों के अलग-अलग अकॉउंट के लिये अलग-अलग पासवर्ड रखें
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर न दें सभी जानकारियां
  • क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल शेयर करने से बचें
  • पर्सनल जानकारी किसी अनजान व्यक्ति से शेयर न करने को कहें
  • पैरेंट-कंट्रोल फीचर का इस्तेमाल करें

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