Toll Tax से मिलेगी करोड़ों लोगों को मुक्ति! जानें क्या बोले नितिन गडकरी
Toll Tax Rule: यदि आप भी रोज टोल टैक्स के पैसे देते-देते परेशान हो गए हैं तो यह आर्टिकल आपके काम का है, क्योंकि हाल ही में परिवहन मंत्रालय ने टोल टैक्स को लेकर नए नियम बनाए हैं। इन नियमों की लोगों को जानकारी तक नहीं हैं।
Toll Tax Rule: यदि आप भी रोज टोल टैक्स के पैसे देते-देते परेशान हो गए हैं तो यह आर्टिकल आपके काम का है, क्योंकि हाल ही में परिवहन मंत्रालय ने टोल टैक्स को लेकर नए नियम बनाए हैं। इन नियमों की लोगों को जानकारी तक नहीं हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बता दें कि अब पात्र निजी वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर टोल देने की जरूरत नहीं है।
हालांकि ये छूट सिर्फ ऐसे वाहन संचालकों को दी गई है, जिनके वाहन में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम चालू होगा। साथ ही उन्हें टोल रोड़ का यूज अंडर 20 किमी करना है तो कोई भी टैक्स देने की जरूरत नहीं हैं। नियम पूरे देश में लागू करने के लिए कहा गया है। आइये जानते हैं क्या है परिवहन मंत्रालय का नया नियम।
टैक्स फ्री होगी 20 किमी की यात्रा
नई अधिसूचना के मुताबिक, “निजी वाहन मालिकों को प्रतिदिन राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर 20 किलोमीटर तक की यात्रा पर कोई शुल्क नहीं देना होगा। इसके लिए शर्त सिर्फ यही होगी कि छूट सिर्फ उन्हीं वाहनों को मिलेगी, जिनके वाहनों में जीएनएसएस सिस्टम संचालित होगा। हालांकि 20 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए, शुल्क यात्रा की गई वास्तविक दूरी के आधार पर लिया जाएगा।
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यही नहीं नोटिफिकेशन में यहां तक कहा गया है कि “राष्ट्रीय परमिट वाहन के अलावा किसी अन्य यांत्रिक वाहन का चालक, मालिक या प्रभारी व्यक्ति जो राष्ट्रीय राजमार्ग, स्थायी पुल, बाईपास या सुरंग के समान खंड का उपयोग करता है, उसे ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम आधारित उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह प्रणाली के तहत एक दिन में प्रत्येक दिशा में 20 किलोमीटर की यात्रा तक शून्य-उपयोगकर्ता शुल्क लगाया जाएगा।
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टेस्ट ट्राइल में मिली हैं सफलता
सड़क मंत्रालय फास्टैग के साथ ही जीएनएसएस-आधारित टोल संग्रह प्रणाली शुरू की थी। हालांकि ये सिस्टम अभी कम ही हाईवेज पर शुरू किया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इस प्रणाली के लिए “कर्नाटक में NH-275 के बेंगलुरु-मैसूर खंड और हरियाणा में NH-709 के पानीपत-हिसार खंड पर एक पायलट अध्ययन किया गया है,, जिसमें सफलता के बाद अब देश के अन्य हाईवेज पर भी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) को लागू किया जाना है।